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लेखनी प्रतियोगिता -17-Jan-2023 मुक्तक

मुक्तक  


दिल के गुलशन में बहार तुझसे है
मेरी हर खुशी का करार तुझसे है
तेरे पास होने से खिल उठता हूं मैं
धड़कन के सुरों का हर तार तुझसे है

श्री हरि
17.1.23


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9 Comments

Abhinav ji

18-Jan-2023 08:03 AM

Very nice 👍

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Hari Shanker Goyal "Hari"

17-Jan-2023 11:22 PM

धन्यवाद जी

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Swati chourasia

17-Jan-2023 10:36 PM

बहुत खूब 👌

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Hari Shanker Goyal "Hari"

17-Jan-2023 11:22 PM

धन्यवाद जी

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